एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी पविसेमे अविसेमे वामे एडीसी का जन्म 04 सितंबर 1962 को हुआ तथा 29 दिसंबर 1982 को इन्हें भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शाखा में कमीशन प्रदान किया गया। इन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से शिक्षा ग्रहण की है। ये विभिन्न प्रकार के वायुयान उड़ा चुके हैं तथा इन्हें मिग-21, मिग-23 एमएफ तथा मिग-29 उड़ाने का अनुभव प्राप्त है। ये 3800 घंटों से अधिक की उड़ान भर चुके हैं तथा किरण वायुयान की प्रथम एरोबैटिक टीम के सदस्य रहे हैं। ये एक श्रेणी ‘क’ अर्हताप्राप्त उड़ान अनुदेशक, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के स्नातक तथा एक इंस्ट्रुमेंट रेटिंग अनुदेशक तथा परीक्षक रहे हैं। एयर चीफ मार्शल चौधरी को ऑपरेशनल उड़ान का गहन अनुभव है और इन्होंने ऑपरेशन मेघदूत तथा ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान अनेक हवाई रक्षा मिशनों को अंजाम दिया है।
अपने प्रतिष्ठित करियर के दौरान इन्होंने कई महत्वपूर्ण फील्ड तथा स्टाफ पदों पर कार्य किया है। इन्होंने कई तरह के लड़ाकू तथा प्रशिक्षण वायुयानों पर वायुसेना परीक्षक के रूप में कार्य किया है। इन्होंने एक मिग-29 स्क्वॉड्रन की कमान संभाली है तथा पश्चिम एवं दक्षिण वायु कमानों के अग्रवर्ती बेसों में मुख्य संक्रिया अफसर तथा बेस कमांडर के तौर पर कार्य किया है। इन्हें रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंग्डन के साथ-साथ रक्षा सेवा कमान तथा जांबिया स्थित स्टाफ कॉलेज में अनुदेशक होने का विलक्षण गौरव प्राप्त है। 30 सितंबर 21 को वायुसेनाध्यक्ष के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व उप वायुसेनाध्यक्ष, पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु स्टाफ अफसर, पश्चिम वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ तथा सह वायुसेनाध्यक्ष के तौर पर भी भारतीय वायुसेना के ऑपरेशनल सामर्थ्य को बढ़ाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इनकी असाधारण और सराहनीय सेवाओं के लिए इन्हें जनवरी 2004 में वायुसेना मेडल, जनवरी 2015 में अति विशिष्ट सेवा मेडल तथा जनवरी 2021 में परम विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया गया। 01 जुलाई 2021 को इन्हें माननीय राष्ट्रपति के मानद (ऑनरेरी) एडीसी के तौर पर नियुक्त किया गया।
एयर चीफ मार्शल चौधरी का विवाह श्रीमती नीता चौधरी से हुआ है तथा इनके दो बेटे हैं।