23 सितम्बर 18 को लगभग 1430 बजे हिमाचल राज्य सरकार की ओर से एयरफोर्स स्टेशन सरसावा में कुल्लू में मूसलाधार वर्षा के कारण फंसे कार्मिकों को बचाने का अनुरोध पत्र प्राप्त हुआ। व्यास नदी उफान पर थी और इसके परिणामस्वरूप नदी में छोटी द्वीपिकाएं बन गईं थीं जहां लोग फंस गए थे।
सरसावा में स्थित पश्चिम वायु कमान की माइटी आर्मर यूनिट से एक एम एल एच श्रेणी के हेलिकॉप्टर को रवाना किया गया। हेलिकॉप्टर के पायलट स्क्वाड्रन लीडर विपुल गुप्ता तथा को-पायलट स्क्वाड्रन लीडर धीमान थे। हेलिकॉप्टर उस स्थान पर पहुंचा और पाया कि उफनती व्यास नदी की एक द्वीपिका पर 19 लोग फंसे हुए थे। पायलट हेलिकॉप्टर को एक निचले होवर पर लाया और कर्मीदल ने फंसे लोगों को हेलिकॉप्टर में चढ़ाने में सहायता की। इसके बाद उन्हें भुंतार के स्थानीय वायुक्षेत्र ले जाया गया।
24 सितम्बर 18 को नदी में भूमि के एक अन्य छोटे टुकड़े पर दो युवकों को देखा गया। वह हेलिकॉप्टर जो भोतार में मौजूद था, को रवाना किया गया औऱ इन दोनों लोगों को विंच से ऊपर उठाया गया क्योंकि हेलिकॉप्टर के उतरने के लिए कोई स्थान नहीं था। किसी अन्य बचाव कार्य की आशंका को देखते हुए हेलिकॉप्टर और उसके कर्मीदल को भुंतर हवाईपट्टी पर रूकने का निर्देश दिया गया।
स्क्वाड्रन लीडर विपुल गुप्ता ने कहा, “आज प्रतिबंधित स्थान, हवा की ताज गति, उच्च टेंशन केबल और ऊंचे पेड़ों ने उतरने की संभावना को बाधित किया, इसलिए हमें दोनों लोगों को विंच से उठाना पड़ा। बचाए गए सभी लोग सुरक्षित औऱ सलामत हैं। हम आगे की आवश्यकताओं के लिए तैयार हैं।“