तमिलनाडु सरकार ने होगेनक्कल जलप्रपात के पास कावेरी नदी में आई भयंकर बाढ़ में वृक्ष पर फंसे 04 लोगों को बचाने के लिए भारतीय वायु सेना से मदद मांगी। वे लोग 04 अगस्त 12 को दोपहर से वहां फंसे हुए थे। वायु सेना स्टेशन सुलूर स्थित 151 एच यू के दो ए एल एच को बचाव मिशन की जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रत्येक हेलिकॉप्टर में अतिरिक्त बचाव उपस्कर और 02 गरुड़ कमांडर थे। ऑपरेशन के लिए मौसम तो अनुकूल था परंतु नदी का तेज बहाव, घने पेड़ों और चारों ओर मंडराते पक्षियों के कारण बाधा हो रही थी।
अंत में पेड़ों के घने झुंड के बीच वहां फंसे लोग दिख ही गए और उन्हें विंच द्वारा उठाने के लिए पेड़ की चोटी से कुछ ऊपर लीड वायुयान ओ जी ई मंडराने लगा। दूसरा हेलिकॉप्टर पास ही में मंडराने लगा और वह पेड़ों व उनमें चारों ओर तेजी से मंडराते पक्षियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए लगातार कमेंट्री दे रहा था। फ्लाइट गनर की गाइडेंस में कैप्टन एक समान गति से बचाव स्थल के ऊपर मंडराता रहा और हेलिकॉप्टर में सवार गरुड़ कमांडो विंच से नीच उतर गया। कमांडो ने बड़ी मुश्किल से वहां फंसे व्यक्ति को ढूंढ़ा और उसे अतिरिक्त सेफ्टी हार्नेस से बांध कर कस के पकड़ लिया और दोनों को विंच से ऊपर खींच लिया गया। प्रारंभिक ऑपरेशन में दो लोगों को बचाया गया। इसके बाद दोनों विमानों में चौथे व्यक्ति को ढूंढ़ने के लिए फिर से उड़ान भरी, जो कि कहीं और फंसा हुआ था। उस जगह बहुत घने पेड़ थे और जमीन पर उस व्यक्ति का कुछ पता नहीं लग रहा था, उसे ढूंढ़ने के लिए लंबे समय तक होवर करने की जरूरत थी। बाद में गरुड़ कमांडो की मदद से वायु कर्मियों ने उसे भी विंच से उठा कर सुरक्षित किनारे पर पहंचा दिया गया।